म्यूचुअल फंड Sip कैसे रोकें- How to Stop MF Sip In Hindi
न्यू जील में छह सौ लोग काम करते हैं, इनमें 80 फीसद स्थानीय महिलाएं हैं. पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक आवास पर इस मामले पर उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई थी, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. सब कुछ साफ होते हुए भी शेख़ हसीना हालात को भांपने में नाकाम रहीं.
इस साल चीन बांग्लादेश में अपने इन्वेस्टमेंट प्लान को किस तरह बढ़ा रहा है, इसे कोविड की वजह से लगी पाबंदियों की पृष्ठभूमि से समझा जा सकता है. इन पाबंदियों की वजह से चीन का महात्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट’ पिछले 2 साल में खासा प्रभावित हुआ था. 28 नवंबर को शिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी ने चीनी कंपनियों की मदद से बन रहे बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान टनल के दक्षिणी हिस्से का काम आंशिक रूप से पूरा होने की ख़बर भी प्रमुखता से दी थी. अनिल अंबानी की रिलायंस पावर बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के साथ मिलकर ढाका के नजदीक मेघनाघाट में 3000 मेगावाट की क्षमता वाली एलएनजी बेस्ड पावर प्रोजेक्ट लगा रही है. इसके अलावा कंपनी पेट्रोबांग्ला के साथ मिलकर एलएनजी टर्मिनल भी चटगांव में सेटअप कर रही है. गौतम अडानी की अडानी पावर लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी अडानी पावर झारखंड के गोड्डा स्थित पावर प्लांट से 1600 मेगावाट बिजली की सप्लाई बांग्लादेश को कर रही है.
नेटफ्लिक्स स्टॉक मूल्य प…
ऐसा नहीं है कि 1996 में बांग्लादेश और भारत के बीच पानी को लेकर जो समझौता हुआ था, उस पर कोई विवाद नहीं था. बांग्लादेश के कई लोगों का मानना था कि यह भारत के पक्ष में है. इसके बावजूद हसीना जब भी सत्ता में रहीं भारत से संबंध स्थिर रहे. उस दौरान भी बांग्लादेश की सेना और पाकिस्तान में क़रीबी बढ़ने की बात सामने आई थी.
बांग्लादेश में उच्चायुक्त रहीं वीना सीकरी कहती हैं, “प्रोफेसर यूनुस को विदेशों में सभी उनके काम के लिए जानते हैं. उन्होंने माइक्रोफाइनेंस में जो काम किया है वो उल्लेखनीय है.” “भारत सरकार को ये समझना चाहिए और इसी आधार पर व्यवहार करना चाहिए. लेकिन अगर आप हमारे दुश्मन के साथ काम करेंगे तो इस आपसी सहयोग का सम्मान कर पाना मुश्किल होगा.” 84 साल के यूनुस बांग्लादेश की कमान ऐसे वक्त संभाल रहे हैं जब राजनीतिक अस्थिरता अपने चरम पर है. देश में लूटपाट और अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं.
भारत-पाक सीजफायर में भी अपना काम बनाने में लगे बांग्लादेश के यूनुस, ट्रंप की जमकर तारीफ
बैंकिंग सिस्टम पर प्रभावमूडीज के अनुसार, बांग्लादेश के सरकारी स्वामित्व वाले बैंक सबसे अधिक जोखिम में हैं. सितंबर 2024 तक, सरकारी बैंकों का औसत पूंजी-से-जोखिम-भारित-संपत्ति अनुपात -2.5% था, जो कि निजी बैंकों के 9.4% से बहुत कम और नियामक न्यूनतम सीमा से भी नीचे है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का बढ़-चढ़कर समर्थन किया था, लिहाजा ट्रंप की जीत के बाद एलन मस्क की कंपनियों के शेयर्स में तूफानी तेज़ी देखने को मिली, जिसके परिणामस्वरूप एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन चुके हैं. वह दुनिया के एकलौते व्यक्ति हैं जिसकी संपत्ति 400 बिलियन डॉलर को पार कर गई है. दुनिया के सबसे अमीर शख्स और अमेरिकी टेक कारोबारी एलन मस्क अगले साल अप्रैल में बांग्लादेश का दौरा कर सकते हैं. यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ बांग्लादेश (UNB) के अनुसार राजधानी ढाका में अगले साल होने वाले इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट कॉन्फ्रेंस में एलन मस्क समेत कई ग्लोबल बिजनेस टायकून शामिल हो सकते हैं.
मोहम्मद यूनुस की गलत नीतियों के कारण देश की जनता त्रस्त हो चुकी है. उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा कि बांग्लादेश को आर्थिक संकट से कैसे उबारा जाए. पाकिस्तान की तरह ही अब बांग्लादेश की आवाम भी दाने-दाने को मोहताज होने लगी है.
चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस बांग्लादेश के चटगांव से चीन के कुनमिंग तक फ़्लाइट चलाने की योजना बना रही है. लेकिन सत्ता बदलने के बाद बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में इलाज़ सहित सभी प्रकार के वीज़ा लेने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पिछले अगस्त में सत्ता परिवर्तन से पहले, कई बांग्लादेशी मेडिकल सुविधाओं के लिए भारत आते थे. इसके बाद युवाओं के गुस्से, डर और हताशा के मिलने से ऐसे हालात बने और वो सड़कों पर उतरे. वीना सीकरी हालिया प्रदर्शनों को सावधानीपूर्वक बनाई गई सुनियोजित रणनीति बताती हैं और ये भी कहती हैं कि आरक्षण के मुद्दे पर तो सरकार और छात्र एक ही विचार रखते थे.
साथ ही उन्होंने तुर्किए से बांग्लादेश के रक्षा उद्योग को विकसित करने में मदद की मांग की, जिससे क्षेत्र में नई शक्ति संतुलन उभर सकता है. साल 2007 में जब मोहम्मद यूनुस के संसदीय चुनाव से पहले पार्टी बनाने की चर्चा थी, उस वक्त शेख़ हसीना ने उनके लिए कहा था, “राजनीति में नए-नए आने वाले लोग ख़तरनाक तत्व हैं और उन्हें संदेह की नज़र से देखा जाना चाहिए.” पांच सितम्बर को चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “अंतरिम सरकार, राजनीतिक दलों और बांग्लादेश के अन्य क्षेत्रों के साथ संवाद और सहयोग को हम मज़बूत करना चाहते हैं.”
श्रीलंका की जनता समझदार थी, उसे समझ आ गया कि यह सब चीन के कारण हुआ तो अगली सरकार ने चीन से दूरी बनानी शुरू कर दी. भारत के खिलाफ राजपक्षे सरकार ने कई फैसले किए थे, लेकिन जब श्रीलंका मुसीबत में पड़ा तो भारत ने दिल खोलकर मदद की और आज श्रीलंका और भारत के संबंध फिर से अच्छे हैं. उद्योग जगत के साथ बातचीत के दौरान, भारत और बांग्लादेश के कारोबारी सदस्यों ने सहयोग के कई क्षेत्रों पर प्रकाश डाला. इनमें जलविद्युत पर विशेष जोर देते हुए बांग्लादेश को ऊर्जा की आपूर्ति बढ़ाना और बांग्लादेश के लिए अधिक ऊर्जा पारेषण लाइनें बनाना शामिल है. हसीना ने शुक्रवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और बांग्लादेश, दोनों को कारोबार क्षेत्र में मिलकर काम करना चाहिए. पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक अनिश्चितता का सबसे ज्यादा असर भारत के प्याज निर्यातकों पर पड़ा है, जो सबसे ज्यादा प्याज बांग्लादेश को एक्सपोर्ट करते हैं.
पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच सीधी उड़ान
जानकारों का एक वर्ग ये मानता है कि चीन और भारत की प्रतिद्वंदिता का अगर किसी मुल्क को सबसे अधिक फ़ायदा हुआ है तो वो है बांग्लादेश. अब तक बांग्लादेश में तेल भारतीय रेल के ज़रिए भेजा जाता था और इसे सड़क मार्ग से आगे पहुंचाया जाता था. लेकिन अब इस पाइपलाइन के शुरू होने के बाद सड़क यातायात में होने वाला बांग्लादेश का खर्च बचेगा. बांग्लादेश में कथित छात्र आंदोलन के पीछे विदेशी फंडिंग के बड़े लिंक सामने आए हैं.
4 चीनी मिसाइल बोट भी बांग्लादेश की नौसेना में अपनी सेवाएं दे रहा है. मुंबई में क्या ये लोग इसी तरह दोपहर का खाना खाने घर चले जाते थे? कहते हैं, यहां अपनी मर्जी है, “अपना काम है. घर पास में है. गए और मां के हाथ का बना quotexbrokerbangladesh.com खाकर आ गए.” थोड़ी देर बाद काम शुरू होता है.
भारत-अमेरिका-यूरोप के मानवाधिकारों पर टिप्पणी और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर उठाए गए सवालों पर अपने देश की सुरक्षा भी कर रही थी और जवाब भी दे रही थी. जाहिर है शेख हसीना की सरकार कठपुतली सरकार न होकर स्वतंत्र फैसले ले रही थी. उदाहरण के तौर पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 26 जून 2024 को कहा था कि उनका देश भारत और चीन के सीमापार तीस्ता नदी पर जलाशय से संबंधित एक बड़ी परियोजना निर्माण के लिए प्रस्तावों पर विचार करेगा तथा बेहतर प्रस्ताव को स्वीकार करेगा. हम अपने देश की विकास संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर अपनी मित्रता बनाए रखते हैं. इसके पीछे कारण यह है कि चीन बांग्लादेश में एक ऐसी सरकार चाहता है, जो उसके कहे पर चले. उसके हितों के हिसाब से फैसले ले और उसके दोस्तों से दोस्ती रखे और उसके दुश्मनों से दुश्मनी.